आईये जानते है अमेजॉन वन में लगी आग की घटना के बारे में। अमेज़न वन को पृथ्वी का फेफड़ा कहा जाता है इस वन के द्वारा पुरे पृथ्वी का 20% ऑक्सीजन उत्पादित किया जाता है। अमेज़ॉन जंगल पृथ्वी के 4% भाग में फैला हुआ है। इस जंगल में हजारों प्रकार के जानवर पक्षी रहते है । आज बात करे तो यह वन आग की चपेट में है। जो एक चिंता जनक का विषय है।कि क्यो हर साल लग जाती हैं, अमेजन के जंगलों में आग, क्या हैं, अमेजन जंगल का रहस्य? अमेजन जंगल में आग
कब लगती हैं, अमेजन के जंगलो में आग-
हर साल की तरह इस साल भी इस वन में आग लगी है। पृथ्वी का फेफड़ा फिर से जल रहा है। अमेज़ॉन वन में हजारों वार आग लगती है। ये आग ज्यादातर अगस्त,सितम्बर और अक्टूबर के माह में लगी आग भयानक रूप ले लेती है। पिछली साल यह पर 88,000-90,000 हजार बार आग लगी थी। पिछले साल जो आग लगी थी इतनी भयानक थी की इसका धुँआ अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता था। इस धुएं की वजह से अमेज़ॉन वन से 2000 किलोमीटर दूर स्थित साओ पौलो एक सहर है जहा पर धुएं की वजह से अँधेरा छाया था। इससे आप समझ सकते है की आग कितनी बड़ी लगी थी।
क्यो लगती हैं, आग-
2018 से 85% ज्यादा आग 2019 में लगी जबकि 2020 में 2019 से 13% ज्यादा आग लगी है। अमेज़ॉन वन के लिए सरकार भी कुछ ज्यादा उपाए नहीं करती है। आग लगने से पेड़ पौधे जल जायेंगे तो वह जमीन के अंदर दबे हुए खनिजों को निकाल सके यह कारण है की आग लगने पर सरकार कुछ नहीं करती है। पेड़ काट नहीं सकते इसलिए आग का सहर ले कर वन को ख़तम किया जा रहा है। कुछ प्राकृतिक की वजह से तो कुछ खुद ही आग लगवाते है जिससे वन ख़तम हो सके और अपना स्वार्थ सिद्ध कर सके।
क्या होगा नुकसान-
जंगलो में आग लगने से CO2 अवशोषित नहीं होगी जिससे ग्रीन हाउस को प्रभावित करेगा और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ेगी जो शुष्कता को बढ़ाएगा जिसकी वजह से फिर आग लगेगी। बहुत सारे जानवर भी इस आग में जल जा रहे है जिसकी वजह से प्रकृति खत्म होती जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा सरकार को दोष दिया जा रहा है।
अमेजन का जंगल कहाँ हैं-
अमेजन वन दक्षिण अमेरिका से लेकर अमेजन बेसिन तक फैला हुआ हैं।अमेजन वन नौ देशों की सीमाओ को छूता हैं, इसका सबसे ज्यादा हिस्सा ब्राजील की सीमा में हैं।यह सत्तर लाख वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ हैं।जिसमें से 44 लाख वर्ग किलोमीटर में वर्षावन हैं।
अमेजन जंगल में आग ऐसे ही देश-विदेश की अन्य जानकारी पाने के लिए हमारे साइट जागरूक हिन्दुस्तान से जुड़े तथा हमारे फेसबुक और ट्वीटर अंकाउड को फालो करके हमारे नये आर्टिकल्स की नोटिफिकेशन पाये।