बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आज सीबीआई कोर्ट में फैसले की सुनवायी थी। कोर्ट ने पहले ही लालकृष्ण आडवानी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती से विडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पूछताछ कर चुकी थी। आज इस केस में आखरी फैसला आना था। जिसपर सबकी निगाहे टीकी हुई थी। जिसमें आज सीबीआई कोर्ट ने लालकृष्ण आडवानी, मुरली मनोहर जोशी , कल्याण सिंह और उमा भारती समेत सारे 32 आरोपियो को बरी करार दे दिया। कोर्ट ने कहा की ये सोची समझी साजिश नहीं थी, ये आकास्मिक हुई घटना थी।
विस्तार-
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले को आज 28 साल पूरे हो चुके हैं। इस मामले की सुनवाई सीबीआई की अदालत में चल रही थी। इस मामले में इसी साल 24 जुलाई को लालकृष्ण आडवानी जो की 92 साल के हैं, उनकी पेशी वीडियों कांफ्रेसिंग द्वारा सीबीआई कोर्ट में हुई थी। जहां उन्होने अपना बयान दर्ज कराया था। उसके बाद 82 वर्षीय मुरली मनोहर जोशी का भी वीडियों काफ्रेसिग के जिरये बयान दर्ज कराया जा चुका था। उमा भारती का बयान सीबीआई कार्ट में दर्ज हो चुका था। जितने भी नेता इस केस में शामिल थे। सभी की पेशी बारी-बारी से सीबीआई कोर्ट में हो चुकी थी। तथा सभी बयान भी दर्ज कराये जा चुके थे।
जिसमें बाल ठाकरे, अशोक सिंघल, महंत अवैद्धनाथ विजयाराजे सिंधिया और गिरिराज किशोर सहित कुछ अभियुक्तियों का निधन भी हो चुका हैं। पहले इस मामले में कुल 42 आरोपी थे अब केवल 32 आरोपी ही बचे थे। जिसको लेकर कोर्ट में आज फैसला सुनाया जाना था।
क्या कहा कोर्ट ने-
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कोर्ट ने सारे आरोपियों की पहले दी बयान दर्ज करा लिये थे। तथा उन्होेने अपना फैसला सुनाते हुए सारे आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया और कहा कि ये घटना सोची समझी साजिश के तहत नहीं की गयी थी। ये घटना आचनक घटी थी। जिसके चलते कोई भी इस केस में आरोपी नहीं साबित होता हेैैं। इसलिए सभी को बरी कर दिया गया।
2017 से शीर्ष अदालत ने दिन-प्रतिदिन सुनवाई करती जा रही थी। तथा दो साल के अंदर ही इस मामले में मुकदमे की कार्यवाही पूरी करने की बात कही थी। और आज कोर्ट ने अपना आखरी फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया हैं।
न्यूज एंजसियो की माने तो इस फैसले के बाद उत्तर-प्रदेश के 25 जिलो की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी हैं। जहाँ पर सांप्रादायिक प्रतिक्रिया होने के आसार हैं वहाँ पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा हैं। लखनऊ और अयोध्या में रैपिड फोर्स को तैनात किया जा चुका हैं।कोर्ट में भी सुरक्षा बढ़ाई गयी। खुफिया इकाई और सीआरपीएफ सहित डॉग स्क्वायड को भी तैनात किया गया हैं। इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद कोई सांप्रदायिक प्रतिक्रिया ना हो। हर जगह शांति बनी रही।
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