इस समय शिक्षको की नियुक्ति को लेकर देशभर में माँग तेजी से तुल पकड़ रहा हैं। जिसको लेकर शिक्षक तथा बीएड और बीटीसी के छात्र आये दिन सोशल मीडिया पर आवाज उठाते नजर आ रहे हैं। तथा सरकार से नौकरी की माँग कर रहे हैं। इसी बीच एक और खबर सामने आ रही हैं, जिन शिक्षको ने फर्जी तरीके से नौकरियाँ पायी हैं, उनको संस्पेंड किया जा रहा तथा उन पर उचित कार्यवाही की जा रही हैं।
विस्तार-
शिक्षको की नियुक्ति अब एक सवाल बन कर रह गयी हैं। छात्र पेपर क्वालीफाई कर ले रहे तो जॉब नहीं मिल रही हैं। नयी भर्तियो का तो पता नहीं कबतक आयेगी। जो पेपर हो चुके हैं, पहले उसी के परिणाम सामने आ जाये। कितने दिनो से कोर्ट में शिक्षक भर्ती का मामला पड़ा हुआ हैं। लेकिन अभी तक उसका कोई परिणाम सामने नहीं आया हैं। तब तक भर्जी तरीके से शिक्षको की भर्ती का मामला सामने आ गया हैं। कुछ शिक्षको के भर्जी तरीके से शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने तथा आरक्षण का गलत तरीके से लाभ उठा कर नौकरी करने का मामला सामने आया हैं। सरकार द्वारा उन शिक्षको को संस्पेंड कर दिया गया हैं। तथा उनके खिलाफ सख्त रूख अपनाने को कहा गया हैं।
कितने शिक्षक की नियुक्ति फर्जी पायी गई हैं-
उत्तर-प्रदेश के मेरठ जिले के बादलपुर में सीसीएसयू और उससे जुड़े कॉलेजो में कम से कम 25 से अधिक ऐसे शिक्षक हैं। जिनपर गलत तरीके व फर्जी दस्तावेजो के जरिये नौकरियाँ पाने का मामला सामने आया हैं।
आपको बता दे कि ये मामला तब तुल पकड़ा जब कस्तूरबा बालिका विद्यालय में पढ़ाने वाली एक शिक्षिका का दस्तावेज फर्जी निकला। जिसके बाद शिक्षण संस्थानो द्वारा जाँच कराया जाने लगा। तो उसके बाद ऐसे और भी मामले सामने आये जिसमें शिक्षक भर्जी दस्तावेजो तथा आरक्षण का गलत तरीके से उपयोग कर नौकरी कर रहे थे।
किन-किन कॉलेजो का नाम सामने आया-
कई ऐसे बड़े-बड़े शिक्षक संस्थानो के शिक्षक भी इस मामले में शामिल हैं। कई ऐसे विद्यालय भी हैं, जो सत्यापन के पैसे माँग रहे हैं। जिसको मद्देनजर रखते हुए शासकीय कार्यो के लिए निःशुल्क सत्यापन करने के लिए शासन को पत्र भी लिखा जा रहा हैं। जबसे सत्यापन की शुरूआत हुई हैं। तबसे कई शिक्षक ऐसे हैं, शिक्षको के मामले सामने आये हैं, जो फर्जी दस्तावेजो का प्रयोग करके नौकरी कर रहे हैं।
लेकिन आज भी छात्रो की यही माँग हैं, कि उनका क्या कसूर हैं, उनको किस चीज की सजा मिल रही हैं। कबतक ऐसे ही वो आंदोलन करते रहेगे। कब उनको नौकरियाँ मिलेगी। सरकार के कानो में कब उनकी आवाज सुनायी देगी। छात्र ही हमारे देश के भविष्य हैं, जब वर्तमान ही खतरे में हैं, तो भविष्य से क्या उम्मीद लगायी जा सकती हैं।