केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसला किया। केंद्र सरकार की सरकारी नौकरी पाने के लिए एक ही परीक्षा देनी पड़ेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी नौकरी भर्ती के लिए एक नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के गठन की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही NRA द्वारा सरकारी नौकरी के लिए एक एलिजिबिलिटी टेस्ट कराया जायेगा। जिसे छात्रों को पास करना पड़ेगा। इससे पहले छात्र करोडो की संख्या में परीक्षा देते थे। लेकिन अब इतनी संख्या में परीक्षा से निजात मिलेगी। सबसे पहले इसकी शुरुआत रेलवे, बैंकिंग और एसएससी से कराई जानी है। फिर इसके बाद धीरे धीरे और सभी परीक्षाएं भी शामिल की जाएँगी। सरकार ने इसे अपने बजट में पहले से ही इसका गठन किया था। CET परीक्षा से सरकारी नौकरी मिलेगी।
साल में दो बार होंगी परीक्षा -
यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी की गयी है। की अब साल में दो बार परीक्षा कराएगी। NRA साल में सिर्फ दो बार ही कामन ऐजिबिलिटी टेस्ट( CET) का आयोजन करेगी। अभी सिर्फ इस परीक्षा के लिए केवल रेलवे, बैंकिंग और एससी को शामिल किया गया है। इससे पहले ग्रुप बी और ग्रुप सी के लिए अलग अलग परीक्षा देनी पड़ती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब ग्रुप बी और ग्रुप सी के लिए एक ही परीक्षा देनी होगी।
तीन साल तक ही मान्य होगी मेरिट -
कार्मिक राज्य मंत्री डा जीतेन्द्र सिंह के मुताबिक, CET पास किये छात्रों की जो मेरिट लिस्ट बनेगी वो केवल 3 सालो तक ही मान्य रहेगी। और इसके साथ ही वो छात्र अपनी मेरिट सुधारना चाहता है तो वो दूसरी परीक्षा में सम्मिलित होकर अपनी मेरिट में सुधार कर सकता है। जो छात्र CET में पास होंगे वही छात्र आगे की परीक्षा जैसे रेलवे, बैंकिंग और एससी की परीक्षा में भाग ले पाएंगे। जो भी छात्र सीईटी को पास नहीं कर पाता है तो वह छात्र दूसरी परीक्षा होने तक इन्तजार करेगा। जैसे ही उसकी डेट आती है छात्र उसे पास कर आगे की परीक्षा में बैठ पाएंगे। उन्होंने ये भी कहा है की सिर्फ आरंभिक परीक्षा एक होगी बाकी अन्य औरपचारिताये और नियम पहले की तरह ही रहेंगे।
CET का मुख्यालय दिल्ली में होगा -
NRA का मुख्यालय दिल्ली में होगा। NRA एक स्वायत्त सस्थान होगी। NRA का अध्यक्ष सचिव स्तर का अधिकारी होगा। NRA देश में एक हजार परीक्षा केन्द्रो को खोलेगा इसके साथ ही एक जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र का खोला जाना सुनिश्चित किया जायेगा। आरंभिक परीक्षा 12 क्षेत्रीय भाषाओ में कराई जाएँगी। इसके लिए लगभग तीन साल में 1517 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इससे छात्रों को पहले की परीक्षा के लिए जिला मुख्यालय से आगे नहीं जाना पड़ेगा।
क्या होंगे इसके फायदे -
- पहले एक साथ परीक्षा होने पर एक परीक्षा को छोड़ना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा।
- पहले परीक्षा के लिए अलग अलग शहरो में जाना पड़ता था अब नहीं जाना पड़ेगा।
- अब अलग अलग आरंभिक परीक्षाओ से छुटकारा मिलेगा।
- अब हर एक जिले के मुख्यालय पर एक परीक्षा केंद्र होगा। जिससे अब पेपर देने दूर नहीं जाना पड़ेगा।
- अब केवल एक ही पेपर के लिए रुपये देने पड़ेंगे। और यात्रा पर खर्च काम हो जायेगा।
- रेलवे भर्ती बोर्ड, कर्मचारी चयन आयोग और आईबीपीएस के प्रतिनिधि संचालन मंडल में शामिल होंगे।
- अभी परीक्षा के आवेदन से लेकर रिजल्ट आने में एक साल से दो साल लग जाते है। अब इस समस्या से निजात मिलेगी।
- ग्रुप-बी और ग्रुप-सी की परीक्षा में सम्मिलित होने वालो छात्रों को मिलेगी राहत।
- पहले परीक्षा की तैयारी करने के लिए अलग अलग तैयारी करनी पड़ती थी। अलग अलग बोर्ड के अलग अलग पैटर्न के पेपर की तैयारी करनी पड़ती थी लेकिन अब सिर्फ एक ही परीक्षा देना पड़ेगा। और अब एक ही किस्म की तयारी करनी पड़ेगी।
इसी तर्ज पर सर्कार करा चुकी है M.B.B.S. की परीक्षा -
सरकार ने पूर्व में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए एक ही टेस्ट किया है। पहले हर राज्य अपनी परीक्षा का आयोजन करते थे। पहले यह कार्य सीबीएससी या अन्य एजेंसियों को करना पड़ता था। CET परीक्षा से सरकारी नौकरी मिलेगी।
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