Debt on Indian Government | Debt on State Government in India | Shri lanka की ही तरह भारत के ये राज्य भी हो सकते हैं जल्द ही कंगाल, डूब गये हैं, पूरी तरह से कर्ज में जानिये कौन-कौन से हैं ये राज्य
भारत के किन राज्यो पर हैं कर्ज-
भारत के जिन राज्यों पर कर्ज का बोझ सबसे ज्यादा है उनमें पंजाब, दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इनका मुख्य कारण हैं, फ्री सुविधा उपलब्ध कराना क्योकि इसकी वजह से सरकारी खाते से पैसा देना पड़ता हैं और सरकार पर कर्ज बढ़ता हैं।
महाराष्ट्र और गुजरात जैसे आर्थिक रूप से मजबूत राज्यों पर भी कर्ज का बोझ कम नहीं है. गुजरात का कर्ज-जीएसडीपी अनुपात 23 फीसदी तो महाराष्ट्र का 20 फीसदी है।
क्यो किसी देश की सरकार लेती हैं कर्ज-
दुनिया में शायद ही ऐसा कोई देश हो जिसने अपने देश को चलाने के लिए ऋण (आंतरिक या बाह्य ऋण) ना लिया हो। इसके पीछे ,मुख्य कारण यह है कि सरकार का मुख्य उद्येश्य अपने देश के नागरिकों के कल्याण में वृद्धि करना होता है ना कि अपनी आमदनी में वृद्धि करना।
Indian Government Debt( भारत सरकार पर कर्ज)-
वर्ष | राशि (करोड़ रु.) | GDP का अनुपात |
2011-12 | 5917279 | 67.7 |
2012-13 | 6659778 | 67.0 |
2013-14 | 7566767 | 67.4 |
2014-15 | 8334829 | 66.8 |
2015-16 | 9475280 | 68.8 |
2016-17 | 10524777 | 68.4 |
2017-18 | 11740614 | 68.7 |
2018-19 | 13023102 | 68.6 |
पंजाब का जितना जीडीपी है उसका करीब 53.3 फीसदी हिस्सा कर्ज है. इसी तरह राजस्थान का अनुपात 39.8 फीसदी, पश्चिम बंगाल का 38.8 फीसदी, केरल का 38.3 फीसदी और आंध्र प्रदेश का कर्ज-जीएसडीपी अनुपात 37.6 फीसदी है।उत्तर प्रदेश व गोवा द्वारा इलेक्शन के दौरान फ्री की घोषणा की गयी हैं। अगर ऐसा हुआ तो यहाँ के सरकारी कोष पर बोझ बढ़ सकता हैं।
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