BJP सरकार में कई जगहों के नाम बदले गए। इसी क्रम में दिल्ली स्थित फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का नाम बदलने की खबर सामने आ रही है। इसी के साथ स्टेडियम में अरुण जेटली की प्रतिमा भी लगाने का प्रस्ताव है। जिसको खेल जगत में लोगो के बीच मत भेद देखने को मिल रहे है। इसी कड़ी में पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी और कीर्ति आज़ाद स्टेडियम में अरुण जेटली की प्रतिमा का विरोध किया है। जाने क्या है पूरा वाक्या
फिरोज शाह कोटला का नाम बदला -
हालही में BJP सरकार ने दिल्ली के फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का नाम पूर्व मत्री अरुण जेटली के नाम पर रखने का एलान किया। साथ ही 28 दिसंबर के दिन अरुण जेटली की प्रतिमा भी स्टेडियम में लगाने की बात कही। अरुण जेटली की यह प्रतिमा 6 फ़ीट की होगी। जबसे सरकार द्वारा इसका एलान हुआ है तबसे कई पूर्व खिलाडियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। हालांकि ये पहली बार नहीं है की सरकार किसी जगह का नाम बदल रही है। इसके पहले भी यूपी समेत कई राज्यों में ऐतिहासिक इमारतों के नमो में बदलाव किया गया है।
बिशन सिंह बेदी ने किया विरोध -
इस मामले पर पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने सरकार और बोर्ड के नाम एक पत्र लिखा। जिसमे उन्होंने अरुण जेटली की प्रतिमा स्टेडियम में लगाने को गलत करार दिया। उन्होंने ने पत्र में अरुण जेटली की कार्यशैली पर सवाल उठाये और उनके समय हुए भ्रष्टाचार का हवाला दिया। वही उनका कहना था की अरुण जेटली ने देश के लिए ऐसा कुछ नहीं किया जो उनकी प्रतिमा स्टेडियम में लगे।
स्टेडियम से अपना नाम हटाने को कहा -
वही बिशन सिंह बेदी ने यहाँ तक कहा की फिरोज शाह कोटला में जो उनके नाम का स्टैंड है। वो हटा दिया जाये और साथ ही वह DDCA की सदस्य्ता का पद भी छोड़ने की बात कही। उन्होंने अपने पत्र में जेटली को चाटुकारो से घिरा मंत्री बताया और उनके समय हुए भ्रष्टाचार की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा अरुण जेटली को याद करने की जगह भारतीय संसद है न की क्रिकेट स्टेडियम।
वही पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने भी कहा की खेल के मैदानों में खेल से जुड़े व्यक्तियों से जुडी प्रतिमा होनी चाहिए। उनका कहना है किसी स्टेडियम में उस खेल से जुड़े महानायको की प्रतिमा वह आये खिलाड़ियों को प्रेरित करता है। हलाकि अरुण जेटली 14 साल तक DDCA के मुख्य पद पर रह चुके है। परन्तु उनका कार्यकाल विवादों से जुड़ा रहा है।
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