Wednesday, September 27, 2023
Delhi
mist
27.1 ° C
27.1 °
27.1 °
83 %
1.5kmh
0 %
Wed
36 °
Thu
37 °
Fri
38 °
Sat
39 °
Sun
36 °

तमकुही राज से जुड़े गौरान्वित इतिहासिक तथ्य

भारत में आज भी ऐसे बहुत से गाँव या शहर है जहाँ बहुत सी सराहनीय घटनाये हुई है जो हमारे देश का नाम गर्व से ऊचाँ कर देती है लेकिन ये घटनाये इतिहास ही बनकर रह गयी है, इनके बारे में कोई नहीँ जानता ना ही इनका अब कोई जिक्र करता है। ऐसी ही एक घटना है सन् 1767 की उत्तर-प्रदेश के शहर कुशीनगर के  तमकुही राज से जुड़ी है।

"कुशीनगर ये वही पावन स्थल है जहाँ गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। यह बौद्ध धर्म से जुड़े लोगो का पवित्र पालि-बौद्ध तीर्थस्थल है।"

चलिए हम आपको ऐसी ही एक और कुशीनगर की ऐतिहासिक घटना के बारे में बताते है, कुशीनगर में  तमकुही राज है, इस शहर का इतिहास भी कुछ कम रोचक नहीं है इस शहर से जुड़े इतिहास के बारे में यहाँ के निवासियों से सुनने को मिलता है और कुछ इतिहासकारो ने भी इस घटना के बारे में जिक्र किया है

queen palace

​यह घटना सन् 1767 की है, जब भारत पर अंग्रेजो का राज था यहाँ पर राजा फतेह शाही का राज्य था। उन्होने अंग्रेजो की शर्तो को ना मानते हुए उन्हे कर देने से मना कर दिया था तथा जिससे क्रोधित होकर ब्रिट्रिश हुकुमत ने उन्हें विद्रोही घोषित कर दिया था।

​अंग्रेजो की खिलाफत करते हुए वहाँ के निवासियों के समर्थन के आधार पर उन्होनें तमकुही राज में अपने राज को स्थापित किया तथा 23 वर्षो तक अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ विद्रोह की भावना जागृत रखते हुए अपने राज्य का विस्तार करते रहे। इतने सालो तक राज्य करने के पश्चात राजा ने 1790 में राज्य की सत्ता अपने पुत्र को दे दी तथा उसे राज्य गद्दी देकर खुद सन्यास के लिए महाराष्ट्र चले गये। राजा फतेह शाही की मृत्यु 1836 में हो गयी परन्तु उनकी मृत्यु के पश्चात भी अंग्रेजो में उनका खौफ बना रहा। राजा के वीर गाथाओ का जिक्र भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रथम वीर नायक नामक पुस्तक में हुआ है।

इसी राज्य के एक अन्य राजा जिनका नाम इन्द्रजीत प्रताप शाही था उन्होने भी अपने शासन काल में प्रजा के हित में काफी काम किये और ख्याति प्राप्त की, राजा इन्द्रजीत प्रताप शाही ने अपने राज्य में शिक्षा, चिकित्सा और कानून व्यवस्था की बहाली के लिए कई सारे प्रयास किये जो कि सराहनीय थे, उन्होने सन् 1925 में ही पाँच वर्ष से ऊपर बच्चो को अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की तथा इसके लिए उन्होने अपने राज्य में कई सारे विद्यालयो तथा मदरसो का निर्माण कराया जिससे की उच्च शिक्षा जन-साधारण में आसानी से पहुँच सके।

राजा इन्द्रजीत प्रताप शाही ने उच्चतम कोटी की शिक्षा देने के लिए अपने राज्य में राजा फतेहशाही के नाम पर फतेह मेमोरियल इन्टर कालेज की स्थापना की राजा की अचानक से हुई मृत्यु तथा कुछ राजनीति कारणो व आजादी के पश्चात लोग तंत्र की स्थापना के कारण इस राज्य का पतन हो गया।

 राजा इन्द्रजीत प्रताप शाही इस राज्य के अन्तिम राजा थे। इस राज्य का इतिहास यहाँ पर स्थिति राज्य के अवशेषो खुद ही बयान करते है।

यह राज्य उत्तर प्रदेश तथा बिहार की सीमा पर स्थित नारायणी नदी के किनारे बसा हुआ है, तमकुही राज के निवासी अपनी पुरानी विरासत पर गर्व करते है, यहाँ के लोग मुख्यतः कृषि कार्य से जुड़े है तथा इसी से सम्बन्धित व्यापार से भी जुड़े है। वर्तमान समय में यह राज्य अपने यहाँ दशहरे के दिन होने वाले पशुमेले के लिए विख्यात है।

"सन् 1980 के पश्चात् इतिहास कारो ने इस के इतिहास को जनसाधारण के बीच लाने के प्रयास शुरू किये।"

ऐसे ही देश दुनिया तथा मनोरंजन जगत से जुड़ी खबरो की जानकारी के लिए हमारे साथ आईये और फालो कीजिए हमारे  फेसबुक   पेज को और जुड़े रहिये हमारे जागरूक हिंदुस्तान साइट से।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

3,650FansLike
8,596FollowersFollow

Latest Articles