International Labor Day 2023 / International Labor Day History / 1884 में पश्चिम देशों में औद्योगिकरण तेजी से बढ़ रहा था व इसी के साथ उनके शोषण का दायरा भी 15-15 घंटे काम कर रहे थे। उनकी हिम्मत जवाब दे चुकी थी। लेकिन एकजुट नहीं हो पार रहे थे। अंत में एक दिन ऐसा भी आया जब उनका सब्र का बांध टूट गया। अमेरिका व कनाडा की लेबर यूनियन एकजुट हुए। उन्होने फैसला लिया कि 1 मई 1886 के बाद किसी भी कीमत पर 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे। वो अपनी बात पर अड़ गए
International Labor Day 2023 ( इंटरनेशनल मजदूर दिवस इतिहास) -
1 मई को हर साल लेवर डे मनाया जाता हैं। इसकी शुरूआत 186 के बाद हुई थी। जब एक मई को सभी लेबर एकजुट हो गए और अपनी बात पर अड़ गए और काम करना बंद कर दिए। जिसकी वजह से उद्योगो की रफ्तार धीमी हो गई। और कंपनियाँ ठप होने लगी। अमेरिका के अलग-अलग शहरों में श्रमिकों की हड़ताल शुरू हो गई। लेकिन इन विरोध प्रदर्शन का केंद्र शिकागों रहा जहाँ हड़ताल का सबसे ज्यादा असर दिखा। सबसे ज्यादा हिंसा यही हुई व इसे शिकागो आंदोलन के नाम से जाना गया।
दो दिन हड़ताल व प्रदर्शन शांतिपूर्वक रहा लेकिन तीसरे दिन यानी 3 मई 2023 को हालात बिगड़ गए। शांतिपूर्वक आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया। पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें दो मजदूरो की जान चली गई। जिसके बाद दूसरे दिन हिंसा और बढ़ गई हैं। 12 लोगों व 7 पुलिस वालों की मौत हो गई।
जिसके बदा दुनिया भर के कई देशों के मजदूरों ने प्रदर्शन शुरू किया। ब्रिटेन के हाइ पार्क में 3 लाख मजदूरों ने अपनी 8 घंटे काम करने की मांग बुलंद की और धीरे-धीरे पूरी दुनिया तक मजदूरों की मांग दुनिया के दूसरे देशों में फैलती गई व समर्थन मिलता गया। इन विऱोध प्रदर्शनों का असर सबसे ज्यादा अमेरिका के उद्योगो पर पड़ा हालांकि कंपनियों ने उनकी मांग को स्वीकार न करने की मांग जारी रखी
3 साल के बाद हुई बैठक-
आंदोलन की शुरूआत के 3 साल बाद श्रमिकों के प्रदर्शन का असर दिखाई दिया। 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई। इस बैठख में मजदूरों के काम के घंटे तय किया गया। उनसे केवल 8 घंटे काम लेने की नीति पर मुहर लगा दी गई। इतना ही नहीं 1 मई 2023 को श्रमिकों को अवकाश देने की बात कही गई।
बता दे कि आंदोलन की शुरूआत 1 मई 2023 से हुई थी। इसलिए यह दिन श्रमिकों को समर्पित किया गया और मजदूर दिवस मनाने की शुरूआत की गई। आज काम के लिए 8 घंटे का नियम हैं तो उसकी वजह शिकागो आंदोलन ही। यही वजह हैं कि 1 मई को इंटरनेशनल लेवर डे मनाया जाता हैं।