Jahangirpuri Violence; हनुमान जयंती के दिन दिल्ली के जहाँगीरपुरी इलाके में शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा में जाने ऐसा क्या हुआ था। जो शांति से जा रही जुलूस हिंसा में तब्दील हो गयी, जिसमें पुलिस समेत 9 लोग घायल हो गये जानिये पूरा सच
Jahangirpuri Violence News-
Jahangirpuri news; 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गयी। आपको बता दे कि इससे पहले सुबह भी शोभा यात्रा निकली थी। लेकिन कोई बवाल नहीं हुआ था।शाम 4 बजे की शोभायात्रा के दौरान अचानक से दो पक्षो के बीच बहस हिंसा में तब्दील हो गयी।
जिसमें पुलिसकर्मियों के साथ-साथ लोग घायल हो गये बताया जा रहा हैं कि इस हिंसा में 8 पुलिस कर्मी व 1 सामान्य नागरिक को चोट आयी हैं। इस हिंसा में एक ही अच्छा काम हुआ हैं, कि किसी की जान नहीं गयी हैं।
पुलिस ने इस हिंसा में अभी तक 10 से अधिक लोगो की गिरफ्तार किया हैं। और कार्यवाही आगे भी जारी हैं। हनुमान जयंती पर गोलियाँ चलाने वाले मो. असलम को गिरफ्तार कर लिया हैं। इसमें खिलाफ 2020 में भी केस दर्ज हो चुका हैं।
जहांगीरपुरी हिंसा का सच-
Hanuman Jayanti Violence ; लोगो की माने तो हनुमान जयंती के दिन शोभायात्रा शाम 4 बजे निकली थी। ये शोभा यात्रा के-ब्लॉक की जगह सी-ब्लॉक पहुँच गयी। वहाँ पर मौजूद लोगो ने बताया कि यात्रा के दौरान पहले कहासुनी हुई फिर बवाल और बवाल ने हिंसा का रूप ले लिया।

हिंसा के दौरान आगजनी व तोड़फोड़ तथा गोलिया व तलवार का इस्तेमाल होने लगा। तो वही एक पक्ष का कहना हैं, कि इफ्तार से पहले मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे। विवाद तब हुआ जब शोभायात्रा मस्जिद के पास पहुँची और जोर-जोर के नारे लगने लगे व म्यूजिक तेज हो गया। तथा मस्जिद पर झंडा फहराने की भी कोशिश की जाने लगी।
दो वही दूसरी पक्ष का कहना हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ इससे पहले सुबह भी शोभायात्रा निकली थी। तब कुछ नहीं हुआ ये सब हिंसा बाहर से आये हुए लोगो ने फैलायी हैं। तो वही सोशल मीडिया पर शोभायात्रा की वीडियो सामने आ रही हैं।
क्या कहा घायल हुए पुलिसकर्मी ने -
घायल हुए पुलिस कर्मी ने कहा कि- हम उस गाडी के पीछे थे,जिसममें हनुमान जी की यात्रा निकाली जा रही थी।आगे से अचानक भीड़ आयी , दोनो तरफ से गाली गलौच होने लगा। हमने बहुत शांत करवाने की कोशिश की लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था।
सबके हाथो में बोतलो व चाकू थे कोई भी शांत होने को तैयार ही नहीं था। हजारो की भीड़ मै यही कोशिश कर रहा था कि भीड़ में किसी को चोट ना लगे। तथा गाड़ियो को आग लगने से बचा सकू। कई लोग गाड़ियो को छोड़कर भाग जा रहे थे। उसी बीच चली ईंट-पत्थर का शिकार मैं भी हुआ। ईंट-पत्थर चलाने वालो में बच्चे,बूढ़े व महिलाये भी शामिल थी।
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