Kashi Vishwanath Mandir and Gyanwyapi Masjid Case;यह मुद्दा बहुत पुराना हैं। औरंगजेब काशीविश्वनाथ मंदिर को तुड़वा कर वहाँ पर ज्ञानवापी मस्जिद बनवा दिया था। जिसके बाद अहिल्या बाई होल्कर ने दुबारा उसी के पास काशी विश्वनाथ जी के मंदिर का निर्माण करवाया था। लोगो द्वारा अयोध्या के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए भी आवाज उठानी शुरू कर दी गयी अब खबर आ रही हैं, कि ज्ञानवापी मस्जिद की जमीन काशीविश्वनाथ को मिल गयी हैं।
काशी विश्वनाथ का इतिहास-
बाबा विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद का इतिहास बहुत पुराना हैं। इतिहासकारो की माने तो 1194 में मोहम्मद गौरी द्वारा तोड़ दिया गया था। इसके बाद फिर जौनपुर के सुल्तान महमूद शाद द्वारा 1447 में तोड़ दिया गया था। फिर 1585 में राजा टोडरमल की सहायता से पं नारायण भट्ट ने भव्य मंदिर का निर्माण करवाया।
1632 में शाहजहाँ द्वारा इसे तोड़ना का आदेश जारी किया था। लेकिन उसकी सेना बाबा विश्वनाथ के मंदिर को नहीं तोड़ पायी बाकि 63 मंदिरो को तोड़ दिया गया। इसके बाद 8 अप्रैल 1669 को औरंगजेब ने एक फरमान जारी कर काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त कर उस जगह पर ज्ञानवापी मंदिर बनाने का आदेश दिया गया।
1770 में महादजी सिंधिया द्वारा मंदिर का नवीनीकरण कराना शुरू किया गया लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी का राज होने के कारण निर्माण रूक गया। जिसके बाद 1777-80 के बीच इंदौर की महारानी अहिल्याबाई द्वारा इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। इसके बाद पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने सोने का छत्र बनवाया।ग्वालियर महारानी बैजाबाई ने ज्ञानवापी का मडंप बनवाया व महाराज नेपाल ने वहाँ विशाल नंदी की प्रतिमा स्थापित की।
ज्ञानवापी मस्जिद की जगह पहले मंदिर था इसके बारे में उस समय के कई लेखको ने लिखा हैं। तथा इसके साथ वहाँ बने पुराने नंदी की प्रतिमा का मुहँ ज्ञानवापी मस्जिद की तरफ हैं।
Kashi Vishwnath and Gyanwyaoi Masjid Case-
खबरो की माने तो बनारस कोर्ट में ही हिंदू और मुस्लिम पक्ष की अदालत की लड़ाई चल रही हैं। इस बीच सावन के शुरूआत होने से पहले मस्जिद के मुस्लिम पक्षकारों ने बाबा विश्वनाथ को अपने तरफ से एक बड़ी सौगात दी हैं। मुस्लिम पक्षकारो द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद का 1700 स्क्वायर फीट जमीन मंदिर प्रशासन को दे दिया गया हैं।
और इसके बदले मंदिर प्रशासन ने भी मुस्लिम पक्ष को 1000 स्क्वायर फीट की जमीन दूसरे जगह दी हैं।
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