Kastbhanjan Dev (कंष्टभंजन देव) का मंदिर जो कि गुजरात के सारंगपुर में स्थित हैं। ऐसी मान्यता हैं, कि यहाँ पर श्री कंष्टभंजन हनुमान जी का मंदिर हैं। और इस मंदिर में हनुमान जी के साथ शनिदेव की भी प्रतिमा हैं। जिसके बारे में कहा जाता हैं, कि यहाँ शनिदेव स्त्रीरूप में विराजित हैं।
Kastbhanjan Dev मंदिर-
गुजरात के सारंगपुर मंदिर के बारे में ये मान्यता हैं, कि बहुत समय पहले शनिदेव का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ गया था। जिसकी वजह से भक्तो ने शनिदेव के प्रकोप से रक्षा करने के लिए भगवान हनुमान जी से प्रार्थना कि तथा हनुमान जी ने अपने भक्तो की प्रार्थना सुनकर व शनिदेव को दंड देने का निर्णय लिया।
क्यो हैं, यहाँ पर शनिदेव स्त्रीरूप में
जब शनिदेव को इस बारे में पता लगा तो वे डर गये थे। और वो जानते थे कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और स्त्रियों पर हाथ नहीं उठाते हैं। इसलिए शनिदेव ने स्त्री का रूप धारण कर लिया। और हनुमान जी के चरणो में जाकर गिर गये। जिसके बाद हनुमान जी ने उन्हें क्षमा कर दिया।
और कहा कि अगर भक्तो पर शनि दोष का असर नहीं होगा। यही वजह कि यहाँ पर शनिदेव को स्त्री रूप में पूजा जाता हैं। यहाँ भक्तो के कष्ट दूर हो जाते हैं। इसलिए इस मंदिर को कष्टभंजन देव मंदिर के नाम से जाना जाता हैं।
कैसे हुई थी मंदिर की स्थापना-
कंष्टभंजन मंदिर की स्थापना सन् 1905 में की गयी थी। इस मंदिर की नींव अश्विन कृष्ण पक्ष की पंचमी को रखी गयी थी। जानकारो की माने तो करीब 200 साल पहले स्वामी नारायण मंदिर के स्थान पर सत्संग कर रहे थे। तभी स्वामी नारायण जी को दिव्य रूप में हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिया।
कष्टभंजन हनुमान मंदिर का निर्माण स्वामी नारायण के भक्त गोपालनंद ने कराया था। उन्होने ही यहाँ पर हनुमान जी की प्रतिमा की स्थापना करायी थी। ऐसा कहा जाता हैं, कि इस मंदिर में नकारात्मक शंक्तियाँ दूर हो जाती हैं।
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