किसान बिल को लेकर सरकार और किसान दलों के बीच चल रहा संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहा। वही इस दौरान 34 किसान अपनी जान गवा चुके है। जिनमे 16 साल से लेकर 75 साल तक के किसान शामिल है। वही आज एक और 22 वर्षीय किसान के आत्महत्या करने की खबर सामने आयी है। परिजनों ने मोदी सरकार को बताया खुदखुशी का कारण। गुर्लेभ सिंह आत्महत्या किसान आंदोलन
एक और किसान ने दी जान -
किसान आंदोलन जैसे जैसे बढ़ रहा है। उसके साथ ही कई जिन्दगिया बर्बाद होती जा रही है। हालही में धरना स्थल पर एक किसान ने खुद को गोली मार ली थी और कई किसान हादसों में अपनी जवान गवा चुके है। इस बार पंजाब के भटिंडा जिले में से ऐसी ही एक खबर आयी है। 22 वर्षीय जिस नौजवान किसान ने अपनी जान दी है, वो रस्साकस्सी में अंतराष्ट्रीय स्तर का प्लेयर रह चुके है।
5 लाख का कर्ज था -
परिजनों ने बताया की मृतक गुर्लेभ सिंह पर 5 लाख का कर्ज था। गुर्लेभ सिंह 3 दिसंबर को कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन का हिस्सा बनने दिल्ली गए। जब 18 दिस्मबर को वह अपने घर आये तो परिवारजनो से कहा की आगे परिस्थितिया और गंभीर हो सकती है। कृषि कानून पर चल रहे इस आंदोलन से परेशान और कर्ज में डूबे बठिंडा निवासी गुर्लेभ सिंह ने रविवार अपने घर में जहर की गोलिया खा ली। इलाज के दौरान आज उनकी मृत्यु हो गयी। तो इस मानसिक दबाव को झेल नहीं पाए और खुदखुशी कर ली।
मुआवजे के मांग -
मृतक के परिजनों की स्थिति देखकर किसान दलों ने मुआवजे की मांग तेज हो गयी। मुआवजे के रूप में परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 10 लाख रूपये के साथ कर्ज माफ़ी की भी मांग की। अब देखना यह होगा की सरकार का अगला कदम क्या होगा। हलाकि सरकार ने आंदोलनकारियों को बात करने के लिए आमंत्रित किया है।
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