उत्तर-प्रदेश के कुशीनगर में जितने भी पर्यटन स्थल हैं, उन सबमें सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जायेगा। कुशीनगर में जबसे अर्न्तराष्ट्रीय हवाईअड्डा बनाने की मंजूरी केन्द्र सरकार से मिल गयी हैं। तब से कुशीनगर पर एयरपोर्ट बनाने के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की तैयारियाँ शुरू हो गयी हैं। कुछ दिन पहले मुख्य मन्दिर के पास सिंगापुर के तर्ज पर पर्यटन स्थान बनाने की मंजूरी मिली थी। इसी बीच खबर आ रही हैं, कि यूपी में जितने भी पर्यटन स्थल हैं, उन सबको सौर ऊर्जा से जगमगाने की भी कोशिश की जा रही हैं। कुशीनगर पर्यटन स्थलों पर सौर ऊर्जा लगाने का काम चालू।
विस्तार-
कुशीनगर में अर्न्तराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बाद अब कुशीनगर में पर्यटन स्थलों को सोलर प्लांट से बिजली देने की बात कही जा रही हैं। जिसको लेकर सरकार द्वारा बैठक भी किया गया हैं।
कुशीनगर में मुख्य मन्दिर के साथ कुल 40 होटलों पर सोलर प्लांट लगाने की जिम्मेदारी नेडा को मिला हैं। नेडा के अभियातंओं ने भी सोलर प्लांट को लेकर सर्वे शुरू कर दिया हैं। अभियातंओं द्वारा सर्वे करके सोलर प्लांट के बजट को लेकर रिपोर्ट भी भेज दी जायेगी। जिसके बाद सोलर को लेकर सरकार द्वारा बजट मिलते ही प्लांट लगाने की सपूर्ण प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। कुशीनगर में सौर ऊर्जा लगाने का काम चालू।
कबतक पूर्ण होगा सर्वे का कार्य -
सौर-ऊर्जा का कार्यभार न्यू एंड रिन्यूएबल इनर्जी डेवलपमेंट ऐजेंसी (नेडा) को सौपा गया हैं। तथा नेडा ने सर्वे का कार्य करना भी शुरू कर दिया हैं। नेडा द्वारा ये बताया गया हैं, कि सर्वे का कार्य लगभग एक महीने में पूर्ण हो सकता हैं। तथा सर्वे पूर्ण होने के बाद रिपोर्ट सरकार को सौप दी जायेगी। जिसके बाद सौर ऊर्जा को लेकर सरकार द्वारा बजट पास कर दिया जायेगा।
क्यो लगाया जा रहा हैं, सोलर प्लांट -
सोलर प्लांट को लगाने का कार्य कमेटी द्वारा सरकार के निर्देशानुसार हो रहा हैं। सोलर प्लांट से बिजली देने से बिजली की खपत कम होगी तथा वातावरण भी प्रदूषित नहीं होगा। सोलर प्लांट लगाने से निगम की आय में वृद्धि होगी तथा राजस्व भी बढेगा। और यहाँ आने वाले सैलानियों को भी अच्छा लगेगा।
सोलर प्लांट लगाने से यहाँ आने वाले सैलानी निगम द्वारा बनाये गये होटलो की तरफ ज्यादा आकर्षित होंगे । क्योकि बताया जाता हैं,कि विदेशी सौलानियों को शान्त माहौल ज्यादा पसन्द होता हैं। खासकर जो लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं, उनको शान्ति का महौल काफी पसन्द होता हैं,क्योकि वो लोग ध्यान, योग और साधन करते हैं। अगर होटलो में जैनेटर का इस्तेमाल किया जायेगा। तो शोर सराबा होगा जिसकी वजह से उनको ध्यान और साधना करने में दिक्कत होगी। सोलर प्लांट लगाने से महौल ईको फैन्डली होगा जो कि विदेशी सैलानियो को काफी पसन्द हैं।
कहाँ-कहाँ से आ सकते हैं, सैलानी-
कुशीनगर में अर्न्तराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने के बाद यहाँ गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण स्थान होने की वजह से बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले विदेशी सौलानी काफी मात्रा में आयेगे। बताय जा रहा हैं, कि श्रीलंका, जापान, कोरिया, मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, म्यांमार और चीन से सौलानी यहाँ आयेगे। क्योकि यहाँ पर ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले हैं। कुशीनगर पर्यटन स्थलों पर सौर ऊर्जा का लगना एक अच्छी मुहीम है।
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