मध्यप्रदेश भोपाल में दलित युवती के साथ गैंगरेप और पुलिस द्वारा रिपोर्ट ना लिखने की वजह से युवती नेआत्महत्या कर लिया हैं। इस घटना पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दी प्रतिक्रिया।
क्या हैं, पूरा मामला-
उत्तरप्रदेश मे अभी हाथरस केस में पुलिस प्रशासन द्वारा लापरवाही करी गयी थी। ऐसा ही मध्यप्रदेश के भोपाल में सामने आया हैं। आपको बता दे कि भोपाल में एक दलित महिला के साथ गैंगरेप किया गया। जिसके बाद महिला पुलिस प्रशासन के पास जब वो रिपोर्ट लिखवाने गयी तो थाना प्रभारी ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया। जिसके बाद महिला ने घर आकर आत्महत्या कर लिया।
मीडिया में जैसे ही ये रिपोर्ट सामने आयी तो महिला ने खुदखुशी कर ली। उसके बाद थाना प्रभारी और तीनो आरोपी अरविंद, मोतीलाल और अनिल राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं।
क्या कहना हैं, परिजनो का-
पीड़िता के पति ने पुलिस पर आरोप लगााते हुए कहा कि मेरी पत्नी के साथ गैंगरेप हुआ जिसके बाद वो आरोपियों के खिलाफ एफआईआर लिखवाने गयी थी। लेकिन थाना प्रभारी ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया। जिसकी वजह से मेरी पत्नी ने आत्महत्या कर लिया।
क्या कहना हैं, मध्यप्रदेश सरकार का-
महिला द्वारा खुदखुशी कर ली गयी जब ये मामला मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यवाही करते हुए।तुरंत एडिशनल एसपी, एसडीओपी को भी हटा दिया गया हैं। और एसपी से इस मामले में स्पष्टीकरण से जाँच करने को कहा हैं। उनके खिलाफ धारा 376 डी औऱ 306 के तहत मामला दर्ज किया गया हैं।
क्या कहा विपक्ष ने-
इस मामले पर भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए पूर्व काग्रेस के मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ द्वारा ट्वीट करके कहा हैं, कि भाजपा राज्यो में बेटी बचाो, बेटी पढ़ाओ नारी की ये हैं, वास्तविकता उत्तरप्रदेश की तरह ही मध्यप्रदेश में भी बहन-बेटिया के साथ हैवानियत होती रही हैंं।
उन्होने कहा कि खरगोन, जबलपुर सतना के बाद नरसिंहपुर के चिचली थानातर्गत गाँव में भी दलित महीला से गैंगरेप होने बाद जब पीड़िता की रिपोर्ट ना लिखी गयी। ऊपर से पीड़िता के परिवार कोे प्रताड़ित किया गया जिसके बाद पीड़िता ने आत्महत्या कर लिया। उन्होने कहा कि भाजपा राज्य में कैसी कार्यवाही हैं।
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