मोदी सरकार का नया फैसला लॉकडाउन में नौकरी गवाने वालो की करेगी सहायता। मोदी सरकार लगभग 40 लाख लोगो को राहत देने जा रही है। जिन मजदूरों और कर्मचारियों की नौकरी इस कोरोना काल में चली गयी है। उनके लिए एक योजना बनाई गयी है। जिसके अंतर्गत 40 लाख लोगो को बेरोगारी भत्ता दिया जायेगा।
देश में कोरोना महामारी के चलते लोगो की नौकरिया चली गयी। जिसको नजर में रखते हुए लगभग 40 लाख लोगो को केंद्र सरकार नौकरी देने जा रही है। लेकिन केंद्र सरकार का कहना है की केंद्र सरकार द्वारा चलायी गयी इस स्कीम का फायदा केवल उन लोगो को ही मिलेगा जिन्होंने 24 मार्च से 31 दिसंबर 2020 के मध्य अपनी नौकरियों से निकले गए हो। उन लोगो को ही फायदा मिलेगा। वर्कर्स एम्प्लॉयी स्टेट इश्योरेंस कार्पोरेशन यानि ईएसआईसी के मुताबिक रजिस्टर्ड लोग ही इस योजना का लाभ ले पाएंगे। यह बेरोजगारी भत्ता ईएसआईसी द्वारा संचालित अटल बीमित ब्यक्ति कल्याण योजना के मुताबिक दिया जाता है। लेकिन अब इसे 30 जून 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
क्या होंगी शर्ते -
केंद्र सरकार का कहना है की इस योजना का फायदा केवल उन्ही को मिलेगा जो कर्मचारी ईएसआईसी स्कीम के साथ लग भाग दो सालो से जुड़े हुए है। इसका मतलब है की 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2020 के मध्य कम से कम 78 दिनों तक कर्मचारी ने काम किया हो। ईएसआईसी द्वारा जो गणना मार्च से दिसंबर 2020 की अवधि तक कराई जानी है जिसमे केवल 41 लाख ही कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
बोर्ड के निर्णय के मुताबिक लोग यह दावा सीधे ईएसआईसी शाखा कार्यालय में कर सकते है। इसके साथ ही नियोक्ता के साथ दावे का सत्यापन शाखा कार्यालय स्तर में किया जायेगा। बैठक के एजेंडा नोट के मुताबिक भुगतान सीधे आईपी के बैंक खाते में किया जायेगा। मोदी सरकार का नया फैसला बेरोजगारों की मदद करने में काफी सहायक होगा।
तीन महीने आधी सैलरी देने का प्रावधान -
जितने भी बेरोजगार कर्मचारी इस योजना के तहत आते है उन सभी को केंद्र सरकार तीन महीने यानि की 90 दिन तक आधी सैलरी देगी। कर्मचारी सिर्फ तीन महीने के लिए औसत सैलरी का 50% का क्लेम कर सकता है। इसके पहले कर्मचारी केवल औसत सैलरी का केवल 25% की मांग कर सकते थे। लेकिन इस सीमा को 25% से बढ़ा कर 50% कर दिया गया है। पहले बेरोजगार होने के 90 दिनों के बाद इसका फायदा उठाया जा सकता है। खबरों की माने तो अब इसे 90 दिन से घटाकर 30 दिन कर दिया गया है। जिसकी जानकारी लेबर ऐंड एम्प्लॉयमेंट मिनिस्टर संतोष गंगवार द्वारा दी गयी है।
ईएसआई के मुताबिक लगभग 3.5 करोड़ फैमिली यूनिट शामिल -
वैसे तो इस कोरोना काल में बहुत से लोगो की नौकरी चली गयी है। और कुछ लोगो की बची हुयी है। जिसका भी कोई ठिकाना नहीं है की नौकरी रहेगी या चली जाएगी। जिन लोगो की नौकरियां बची हुई है उन लोगो के ऊपर भी कोरोना काल में नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है। लेकिन सरकार द्वारा लायी गयी इस योजना के तहत इंडस्ट्रियल वर्कर्स को बड़ी राहत मिलेगी। इससे लगभग 40 लाख लोगो को राहत मिलेगी।
अगर किसी फैक्ट्री में 10 या उससे ज्यादा मजदुर होते है, वहा पर ही यह योजना लागु की जाएगी। इसके साथ ही उनकी सैलरी अगर 21 हजार तक होती है तभी यह स्कीम लागु होगी। ईएसआई के मुताबिक देश की करीब 3.5 करोड़ फैमिली यूनिट शामिल है, जिसके कारण लगभग 13.5 करोड़ लोगो को कैश और मेडिकल बेनिफिट मिलता है। केंद्र सरकार के द्वारा लायी गयी योजना मजदूरों के लिए बेरोजगारी से राहत पाने में जरूर मदद करेगी।
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