Mrs Chatterjee Vs Norway Review / Mrs Chatterjee Vs Norway Cast / Mrs Chatterjee Vs Norway Story / रानी मुखर्जी कुल दो साल बाद बड़े पर्दे पर एक ऐसी फिल्म से कमबैक कर रही हैं, जो कि एक सच्ची घटना पर आधारित एक ऐसे माँ की कहानी है, जो अपने बच्चो के लिए एक देश से लड़ जाती हैं। जैसा की आपको फिल्म के टाइटल से ही पता चल रहा होगा। Mrs Chatterjee Vs Norway
Mrs Chatterjee Vs Norway Review -
रानी मुखर्जी की फिल्म Mrs Chatterjee Vs Norway आपको एक माँ व देश के बीच एक अनोखी जंग को दर्शाएगी। ये फिल्म के असल जिंदगी पर आधारित हैं। इस फिल्म की कहानी आपको एक उस माँ के बारे में बताती हैं, जो अपने बच्चो के लिए नार्वे जैसे देश के खिलाफ आवाज उठाती हैं। हर बार की तरह इस बार भी इस फिल्म में रानी मुखर्जी ने एक दमदार किरदार निभाया हैं।
कोलकाता की सागरिका जो शादी के बाद अपने पति अनिरूद्ध के साथ नॉर्वे शिफ्ट हो जाती हैं। लगभग चार साल से नॉर्वे को अपना घर मान चुकी सागरिका व अनिरूद्ध के दो बच्चे हैं। दोनो की इस खुशहाल जीवन में नॉर्वे की चाइल्ड वेलफेयर सर्विस की एंट्री जो तूफान लेकर आती हैं। और उनसे उनके बच्चे छीन जाते हैं। फिल्म की कहानी आपको ये एहसास दिलाएगी कि एक माँ चाहे तो अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर सकती हैं। ये उस माँ की कहानी हैं, जिसकी जिंदगी पति से ज्यादा बच्चो के ईर्द-गिर्द घूमती हैं.
Mrs Chatterjee Vs Norway Story-
फिल्म की कहानी आपको कोलकाता की सागरिका के बारे में बताती हैं, जो शादी के बाद अपने पति अनिरूद्ध के साथ नॉर्वे शिफ्ट हो जाते हैं। दोनो का जीवन काफी खुशहाल से व्यतीत होता हैं। उनके दो बच्चे भी हैं। चार साल से नॉर्वे में रह रही सागरिका की जिंदगी तब बदल जाती हैं। जब नॉर्वे की चाइल्ड वेलफेयर सर्विस उनपर ये आरोप लगाती हैं। कि वो अपने बच्चों को जबरदस्ती खाना-खिलाती हैं। उनके साथ सही तरह से बर्ताव नहीं करती हैं। उनकी मानसिक स्थिति सही हैं। सागरिका के पति अनिरूद्ध पर भी डोमेस्टिक वायलेंस, पत्नी की मद्द न करने का आरोप लगाया जाता हैं। इन दोनो बच्चो की बेहतरी से ख्याल रखने के लिए चाइल्ड वेलफेयर सर्विस अपने साथ उनको ले जाते हैं।
इसके बाद फिल्म में दिखाया जाता हैं कि कैसे वो ना केवल नॉर्वे ही पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो जाती हैं और कितने मेंटर चार्टर से गुजरती हैं। फिल्म की आगे की कहानी देखने के लिए आपको थ्रिएटर जाना पड़ेगा।