आज से घर-घर में माता रानी के आगमन हुआ हैं, कहा जाता हैं, माता नौ दिनो तक अपनी नौ बहनों के साथ धरती पर रहती हैं। और जो भक्त माता रानी को प्रेम भाव से भोग लगाते हैं, उनकी पूजा करते हैं माता उनसे प्रसन्न होती हैं। यदि आपने अपने घऱ में घट स्थापना कि हैं, और माता रानी से मनवांछित फल पाना चाहते हैं। तो माता रानी के नौ स्वरूपो माँ शैलपुत्री, माँ ब्रह्माचारिणी, माँ चन्द्रघंटा, माँ कूष्मांडा, माँ स्कंदमाता, माँ कात्यायनी, माँ कालरात्रि, माँ महागौरी और माँ सिद्धिदात्री को नौ दिनों तक माताओं का मनपंसद प्रसाद उन्हे अर्पण करे। जिसके माँ आप पर प्रसन्न होगी और आपकी हर एक मनोकामना पूरी होगी। नवरात्रि पूजा विधि
चलिए हम आपको बताते है, नौ दिन माँ के नौ स्वरूपो को कौन-कौन सा प्रसाद अर्पण रखना चाहिए।
प्रथम दिन माँ शैलपुत्री-
प्रथम दिन माँ शैलपुत्री का दिन होता हैं, और मान्यता हैं, कि माँ शैलपुत्री शैलराज की पुत्री हैं और जिसकी वजह से माँ को सफेद रंग अतिप्रिय हैं, इसलिए इस दिन माँ की पूजा-अर्चना करके माँ को सफेद फूल व सफेद रंग का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। अगर आप ऐसा करेगे तो माँ आपसे जल्द ही प्रसन्न होगी।
द्वितीय दिन माँ ब्रह्माचारिणी-
नवरात्रि का दूसरा दिन माँ ब्रह्मचारिणी का हैं, मान्यता हैं, कि जो लोग माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं, उनके व्यक्तित्व में माँ की कृपा से सदाचार, सयंम और वैराग्य बढ़ता हैं। इस दिन माँ को शक्कर का प्रसाद चढ़ाना चाहिए और प्रसाद परिवार में सभी को बाँटना चाहिए। ऐसा करने से घर के सदस्यो की आयु लम्बी होती हैं।
तृतीय दिन माँ चन्द्रघंटा-
इस दिन माँ चन्द्रघंटा की पूजा की जाती हैं, मान्यता के अनुसार माँ चन्द्रघंटा की पूजा करने से सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती हैं। और इस दिन माँ को प्रसाद के रूप में दूध से बनी हुई चीजे अर्पण करनी चाहिए, इससे माँ अत्याधिक प्रसन्न होती हैं और मनोवांछित फल देती हैं।
चतुर्थ दिन माँ कुष्मांडा-
नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती हैं और इस दिन माँ को मालपूए का प्रसाद अर्पण करना चाहिए और यह भोग ब्राह्मणो को भी खिलाना चाहिए। इससे माँ अत्याधिक प्रसन्न होती हैं और ये प्रसाद घऱ के सदस्यो में भी बाँटना चाहिए।
पंचम दिन माँ स्कंदमाता-
नवरात्र के पाँचवे दिन माँ स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती हैं। इस दिन माँ को केले का प्रसाद अर्पण करना चाहिए अगर आप इस दिन माँ को केले का भोग अर्पण करते हैं तो आपको शारारिक रोगो से मुक्ति मिलती हैं।
छष्टम् दिन माँ कात्यायनी-
नवरात्र के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती हैं। हिन्दू धर्म में मान्यता के अनुसार इस दिन माँ को लौकी और शहद का प्रसाद अर्पण करना चाहिए। इससे माँ आपसे जल्द ही प्रसन्न होती हैं और मनोवांछित फल देती हैं।
सप्तम दिन माँ कालरात्रि
नवरात्र के सातवे दिन माँ कालरात्रि की पूजा होती हैं। माता का यह स्वरूप दुष्टो का नाश करने और भक्तो की रक्षा करने का प्रतीक हैं। इस दिन माँ को गुड़ से बने भोग लगाने से आप प्रसन्न होती हैं, और मनोवांछित फल देती हैं।
अष्टमी दिन माँ महागौरी-
नवरात्रि के आठवे दिन माँ महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती हैं। मान्यता हैं, कि माँ महागौरी को प्रसाद के रूप में नारियल का भोग लगाना चाहिए तथा माँ की पूजा-अर्चना करने से सारे पापो से मुक्ति मिलती हैं और घऱ में सुख-समृद्धि आती हैं। इसलिए इस दिन माँ को प्रसाद रूप में नारियल अर्पण किया जाता हैं।
नवम् दिन माँ सिद्धिदात्री-
नवरात्रि के नौवे दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती हैं, हिन्दू-धर्म के अनुसार इस दिन माँ को प्रसाद के रूप में तिल के लड्डू चढ़ाए जाते हैं ऐसा करने से अपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं। नवरात्रि पूजा विधि
नवरात्रि के नौ दिन माँ को उनका मनपसन्द प्रसाद चढ़ाए और माँ को प्रसन्न करे। आपकी सारी इच्छाये पूरी होगी।
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