Parkinson disease symptoms/ Parkinson disease symptoms in Hindi/ Parkinson disease in Hindi/ यदि आपको हर रोज बुरे सपने आते हैं तो आपको Parkinson disease हो सकता हैं। एक Parkinson's disease एक neurodegenerative disease है। इसमें दिमाग की पेशिया या brain cells / neurons , degenerate होता हैं।
Parkinson disease Symptoms in Hindi-
पार्किंसंस रोग के लक्षण : यह एक प्रगतिशील तंत्रिका संबंधी विकार है जो मनुष्यों में मस्तिष्क को प्रभावित करता हैं। कंपकंपी, ब्रैडीकिनेसिया, कठोरता और पोस्टुरल अस्थिरता। यद्यपि पार्किंसंस रोग के व्यक्तिगत लक्षण - सबसे अधिक बार कंपकंपी आना हैं।
- चिंता, असुरक्षा, और तनाव
- उलझन (कन्फ्यूजन)
- याद न रहना
- डिमेंशिया (बुजुर्गों में अधिक आम)
- कब्ज
- डिप्रेशन
- निगलने में कठिनाई होना
- सूंघने की शक्ति कम हो जाना
- नीद ना आना
- अत्यधिक पसीना आना
- सीधा दोष (ईडी)
- त्वचा संबंधी समस्याएं
- धीमा, शांत भाषण, और मोनोटोन आवाज
- मूत्र आवृत्ति बढ़ जाना
- सोने में परेशानी या अनिद्रा
- ब्लड प्रेशर में बदलाव
- थकान
क्या पार्किंसन रोग का इलाज संभव है-
वर्तमान समय में पार्किंसन रोग का इलाज संभव नहीं हैं। दवा, फिजियोथेरेपी और कुछ मामलों में सर्जरी फायदेमंद साबित हो सकती है। हालांकि दवाएं पार्किंसन के रोगी को ठीक नहीं करती हैं। लेकिन ये रोग में नियत्रंण करते हैं। और कुछ मामलो में राहत प्रदान करते हैं। यह बीमार 60 वर्ष से अधिक लोगो को ज्यादातर होती हैं और महिलाओं की तुलना में पुरूषो में इसके लक्षण ज्यादातर देखने को मिलते हैं।
पार्किंसन रोग क्या हैं-
आपको बता दे कि पार्किंसंस बीमारी दूसरा सबसे आम न्यूरोडिजेनरेटिव डिसऑर्डर है। यह रोग एक ऐसी बीमारी है जो मनुष्य के उस हिस्से को प्रभावित करती है जो हमारे शरीर के अंगो को संचालित करता हैं। शुरूआती दिनो में मनुष्य इसका पता नहीं लगा पाता हैं। लेकिन धीरे-धीरे हाथ,पैरो में कमजोरी महसूस करने लगता हैं।
कब हुई थी पार्किंसन बीमारी की खोज-
इस बीमारी के बारे में लगभगल 5000 बीसी से लोगो को ज्ञात था। इस बीमारी का जिक्र प्राचीन सभ्यताओं में भी मिलता हैं। उस समय इस बीमारी का नाम कंपवता रखा था जिसका इलाज उस पौधों के बीजों से किया जाता था जिसमे थेराप्यूटिक होता है जिसे आजकल लेवोडोपा के नाम से जाना हैं। पार्किंसन बीमारी (Parkinson’s disease in hindi) का नाम ब्रिटिश डॉक्टर जेम्स पार्किंसंस के नाम पर रखा गया हैं। जिन्होने 1817 में पहली बार इस बीमारी का वर्णन शेकिंग पाल्सी के रूप में विस्तार से किया था।