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PM Modi Mother Heeraben Modi: पीएम नरेन्द्र मोदी की माँ हीराबेन ने कैसे छपरैल के घर में लगाया चार चाँद औरअक्षर का ज्ञान ना होने पर भी बेटे को बनाया देश का पीएम

PM Modi Mother Heeraben Modi / PM Narendra Modi Mother/ पीएम नरेन्द्र मोदी की माँ हीराबेन मोदी (Heeraben Modi) की कल से ही  हालत गंभीर होने की वजह से उनको पीएम मोदी देखने के लिए अस्पताल गए थे। तो वहीं आज सुबह तड़के उनकी माँ के निधन की खबरे सामने आयी जिसके बाद हर  किसी ने पीएम को सांत्वना दिया। लेकिन क्या आपको पता हैं कि हीराबेन मोदी ने अपनी जिंदगी में बड़ी ही मुश्किलो का सामना किया हैं। 

PM Modi Mother Heeraben Modi-

पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की माँ हीराबेन मोदी (Heeraben Modi) का बचपन माँ के बिना बिता उनको अक्षरो का ज्ञान ना होने के बावजूद भी अपने बच्चो को इस काबिल बनाया कि आज वो देश के सबसे प्रसिद्ध प्रधानमंत्री बन  गए हैं। हीराबेन मोदी अपने घर में सबसे बड़ी बहू थी। वडनगर के जिस घर में रहती थीं वहां न तो खिड़की थी और न ही शौचालय व मिट्टी की दीवारों और खपरैल की छत से बने घर में रहीं हैं। 

पीएम मोदी ने बताया माँ के बारे में-

बता दे कि पीएम मोदी ने अपनी माँ के जन्मदिन पर बताया था कि कैसे उनकी माँ ने घर को संभाला था। उन्होने कहा कि मां को घर सुंदर बनाने का शौक रहा है। तथा उनका पूरा दिन घर के लिए समर्पित रहता था। तथा घर में गोबर के कंडे जलने पर धुआंं होता था। घर में खिड़की न होने पर वो धुआं से भर जाता था। इससे दीवारें काली पड़ जाती थी। तथा कुछ हफ्तों के अंतराल पर मां दीवारों की पुताई करती थीं। वो पुराई चीजो का सही से प्रयोग करती थी। और मिट्टी की कटोरी बनाती हैं। 

पुराने कागजों को भिगोकर उसे इमजी के बीज के साथ पीसती थीं। तथा इससे एक तरह का गोंद तैयार हो जाता था। जिसके बाद इस गोंद को दीवारों पर लगाकर उस पर शीशे के टुकड़े लगाती थीं। और इस तरह दीवार सुंदर नजर आने लगती थी। 

सफाईकर्मियों का सम्मान-

पीएम मोदी ने बताया कि उनके घर के पास नाली साफ करने जो सफाई कर्मी आता था। वो उनको बिना चाय पिलाए नहीं भेजती थी। पीएम मोदी की माँ आखिरी समय तक किसी पर निर्भर नहीं रही हैं। वो अपना काम स्वयं करती थी। पीएम मोदी ने बताया कि मैं गांधीनगर जाता हूं वो मुझे अपने हाथ से मिठाई खिलाती हैं। तथा उसके बाद रूमाल से मुंह जरूर पोछती हैं। और इसके लिए वो साड़ी में हमेशा से एक रुमाल या छोटा तौलिया खोंसकर रखती हैं।

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