हिन्दू धर्म के अनुसार 2 सिंतबर से 15 दिनो तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष 2020 में पितृ लोगो को खुश करने के लिए दान पुण्य आदि कार्य करते हैं।तथा हिन्दू धर्म में ये भी मान्यता हैं, कि इस समय 15 दिनों के लिए हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं। तथा इन दिनों में कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिनसे हमारे पितृ लोग नाराज हो।
विस्तार -
हिन्दू धर्म ग्रन्थो के अनुसार पितर पक्ष में पितरो के श्राद्ध तथा तर्पण किये जाते हैं। पितरो को खुश करने के लिए जिस तिथि को उनकी मृत्यु हुई होती हैं। उस तिथि को पंडितो को भोजन तथा दान-पुण्य आदि कार्य किये जाते हैं। इसके साथ-साथ गाय, कुत्ते तथा कौए को भी भोजन कराया जाता हैं। ऐसी मान्यता हैं, कि श्राद्ध पक्ष 2020 में हमारे पितृ हमें आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं।
कैसे पता चलेगा कि पितृ आपसे खुश हैं -
हमारे धर्म ग्रंथो के अनुसार पितृ पक्ष में कौए का काफी महत्व हैं। यदि पितृ पक्ष में कौआ दिख जाये तो काफी शुभ माना जाता हैं। कहा जाता हैं, यदि श्राद्ध पक्ष 2020 में आपने कौए को अनाज के ढ़ेर पर बैठे हुए देख लिया तो इसका अर्थ ये होता हैं, कि आपके द्वारा किये गये कार्यो से पितृ लोग काफी खुश हैं तथा आपको आशीर्वाद दे रहे हैं और आपके घर धन लाभ होगा।
इसी तरह यदि कौआ आपको सुअर के पीठ पर बैठा दिख जाये तो कहा जाता हैं, आपके घर में अपार लक्ष्मी की प्राप्ति होने वाली हैं। और अगर कौआ आपको मकान की छत पर या किसी हरे-भरे वृक्ष पर भी बैठा दिख जाये तो इसका मतलब भी यहीं होता हैं, कि आपको धन लाभ होने वाला हैं।
कौए द्वारा मिलने वाले और संकेत से लाभ -
बताया जाता हैं, कि यदि कौआ आपको आपके घर के आस-पास अपनी चोंच में फूल-पत्ती लिये दिख जाये तो ये भी काफी शुभ संकेत हैं। बताया जाता हैं। इसका अर्थ हैं, कि आपके सारे मनोरत पूर्ण होने वाले हैं।
वही यदि कौआ गाय के पीठ पर अपनी चोंच रगड़ता हुआ दिख जाये तो इसका अर्थ हैं, कि आपको अपने पितरो के आशीर्वाद से उत्तम खाने की प्राप्ति होने वाली हैं।
यदि वही कौआ आपको अपनी चोंच में सूखा तिनका दबाये हुए दिख जाये तो इसका अर्थ हैं कि आपको धन लाभ होता हैं।
वही यदि कौआ पीठ की तरफ से आता दिख जाये तो उसका संकेत हैं, प्रवासियों को लाभ मिलने वाला हैं।
वही यदि कौआ बाई तरफ से आकर भोजन ग्रहण करता हैं तो इसका अर्थ है, कि आपकी यात्रा मंगलमय होने वाली हैं।
पितृ कैसे होते हैं, प्रसन्न -
पितृ पक्ष में पितरों की नियमित रूप से श्राद्ध कर्म करने तथा पितर पक्ष में कोई भी नयी वस्तु या वाहन आदि ना खरीदने से पितृ प्रसन्न होते हैं। बताया जाता हैं, कि पितृ पक्ष में जिनकी मृत्यु हो गयी हैं। उनके लिए शोक मनाने और उनको याद करने का दिन होता हैं। इसलिए इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। नहीं तो पितृ लोग नाराज हो जायेगे। जिसका असर हमारे ऊपर पड़ेगा और हमें तकलीफ होगी। इसलिए नियमित रूप से पितृ लोगो का तर्पण करे तथा पंडितो को दान और जानवरो को भोजन कराये।
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