Sedition Law 124A ; सुप्रीम कोर्ट ने दिया राजद्रोह के मामले में ऐतिहासिक फैसला, अब राजद्रोह के मामले में नहीं होगे नये केस दर्ज तथा इसके साथ ही इस केस में बंद कैदी भी अब कर सकते हैं, बेल की माँग
Sedition Law 124A Supreme Court Order-
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजद्रोह कानून पर अंतरिम रोक लगा दी है। पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह इस मामले पर विचार किया जायेगा। जिसके बाद आज हुई सुनवाई में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) रैंक के अधिकारी को राजद्रोह संबंधी मामले दर्ज करने की जिम्मेदारी और जमानत याचिकाओं पर सुनवाई तेजी से की जा सकती हैं।
क्या सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह मामले में-
- केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया है कि आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह आरोप) के तहत भविष्य में एफआईआर एसपी या उससे ऊपर के रैंक के अफसर की जांच के बाद ही केस दर्ज किये जाऐ। लंबित मामलों पर, अदालतों को जमानत पर जल्द विचार करने का निर्देश दिया जा सकता है। वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, "पूरे भारत में देशद्रोह के 800 से अधिक मामले दर्ज हैं. 13,000 लोग जेल में हैं।
- सीजेआई एन वी रमना ने कहा कि, यह सही होगा कि रिव्यू होने तक कानून के इस प्रावधान का इस्तेमाल न किया जाये। हमें उम्मीद है कि केंद्र और राज्य 124 ए के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज करेंगे या रिव्यू खत्म होने के बाद कार्रवाई शुरू की जायेगी।
- आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में हनुमान चलीसा मामले में दायर देशद्रोह आरोप का भी जिक्र किया हैं। तथा इसे कानून का दुरूपयोग बताया गया हैं।
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