Justice UU Lalit/ New Chief Justice of India/ भारत के नये चीफ जस्टिस बनेगे यू यू ललित, ये मुसलमानों में ‘तीन तलाक’ की प्रथा को अवैध ठहराने समेत कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे थे।
Justice UU Lalit-
उच्चतम न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू. यू. ललित बन सकते हैं। इसके लिए वर्तमान सीजेआई एन वी रमणा ने केन्द्र को सिफारिश भेज दी हैं। दूसरे प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिन्हें बार से सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नत किया गया था।
27 अगस्त को भारत के 49वें सीजेआई बनने की कतार में यू यू ललित का नाम शामिल हैं। न्यायमूर्ति ललित को 13 अगस्त 2014 को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। तब यूयू ललित वकील के पद पर कार्यरत थे।
इनसे पहले न्यायमूर्ति एस. एम. सीकरी मार्च 1964 में शीर्ष अदालत की पीठ में सीधे पदोन्नत होने वाले पहले वकील थे। जो जनवरी 1971 में 13वें सीजेआई बने थे।
तीन तलाक के खिलाफ कानून में बदलाव करने में अहम योगदान-
अगस्त 2017 में 3-2 के बहुमत से ‘तीन तलाक’ को असंवैधानिक घोषित किया गया था। उस समय पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ में तीन न्यायाधिश में ये मुख्य थे।
इन्होने बहुत से निर्णायक फैसले सुनाए-
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत एक मामले में बंबई उच्च न्यायालय के ‘‘त्वचा से त्वचा के संपर्क’’ संबंधी विवादित फैसले को खारिज कर दिया था।
न्यायमूर्ति ललित की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार के पास केरल में ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन का अधिकार दिया था।
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सुनवाई के लिए उन्हें केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था।
8 नवंबर को ये सेवानिवृत्त होगे-
आठ नवंबर 2022 को यू यू ललित केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का विशेष लोक अभियोजक के पद से सेवानिवृत होगें।